अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो-दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने पर जेल

बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में आखिरकार सपा सांसद आजम खान (SP MP Azam Khan) और उनकी पत्नी सपा विधायक तजीन फातमा के साथ अब्दुल्ला को 7 दिन की जेल (Jail) हो गई है. बता दें कि इसी से जुड़े मामले में गलत हलफनामा देने के कारण अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार सीट से अपनी विधायकी गवां चुके हैं. मामले में आजम परिवार कई बार कोर्ट में हाजिर होने से बच रहा था. इसे लेकर रामपुर कोर्ट की तरफ से मुनादी और कुर्की का आदेश तक जारी हुआ था. हाल ही में रामपुर की निचली अदालत में 24 फरवरी को समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी.

ये है पूरा मामला
बता दें कि अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो-दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने, दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनवाने के मुकदमे दर्ज हैं. इनमें तीन मुकदमे बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने दर्ज कराए हैं. उनका आरोप है कि अब्दुल्ला ने दो जन्म प्रमाणपत्र बनवा रखे हैं. आकाश का आरोप है कि अब्दुल्ला का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आजम और उनकी पत्नी ने जो शपथ पत्र दिया है, उसमें झूठ बोला है.

पासपोर्ट और पैन कार्ड में भी हेराफेरी



इसमें एक जन्म प्रमाणपत्र उन्होंने रामपुर नगर पालिका से बनवाया है, जिसमें उनकी जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दर्शाई गई है. दूसरा लखनऊ के अस्पताल से भी एक जन्म प्रमाणपत्र बनवा लिया, जिसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 है. बाद में पासपोर्ट और पैन कार्ड में उम्र ठीक कराने के लिए भी दूसरा पासपोर्ट और दूसरा पैन कार्ड बनवा लिया, जिसमें दूसरी जन्मतिथि है. बता दें कि इसी केस से जुड़े एक मामले में पिछले साल दिसंबर में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी. अब्दुल्ला आजम साल 2017 में स्वार सीट से विधायक चुने गए थे. कोर्ट ने चुनाव के दौरान दिए गए उनके हलफनामे में उम्र को गलत पाया.



इस तरह गई अब्दुल्ला की विधायकी
इस मामले में साल 2017 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता नवाब काजिम अली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में बताया गया कि विधानसभा चुनाव दौरान अब्दुल्ला आजम ने हलफनामे में अपनी उम्र की गलत जानकारी दी थी. नवाब काजिम अली ने चुनाव अर्जी में अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य बताते हुए उनका निर्वाचन रद्द किए जाने और रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की थी.


तीन साल पहले दर्ज की थी बड़ी जीत
काजिम अली ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि वर्ष 2017 में चुनाव के वक्त आजम खान के बेटे न्यूनतम निर्धारित उम्र 25 वर्ष के नहीं थे. चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने फर्जी कागजात दाखिल किए थे और झूठा हलफनामा दाखिल किया था. बसपा नेता की ओर से अब्दुल्ला आजम की 10वीं कक्षा की मार्कशीट के साथ कई अहम दस्तावेजों में दर्ज जन्मतिथि को आधार बनाया गया था. अब्दुल्ला आजम सपा सांसद आजम खान के छोटे बेटे हैं. वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने पहली बार चुनाव लड़ा था और रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से भारी मतों से जीत दर्ज की थी