देश की राजधानी में पिछले तीन दिनों से जारी हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी की है. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के रहते हुए 1984 के दंगे की घटना को दोहराने नहीं दिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य के उच्च पदस्थ पदाधिकारियों को हिंसा के पीड़ितों और उनके परिवारों से मुलाकात करनी चाहिए. मामले की सुनवाई के दौना जज ने कहा कि अब समय आ गया है जब आम नागरिकों को भी 'Z श्रेणी' जैसी सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए.
'विश्वास बहाली के किए जाएं प्रयास'
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को घायलों के बारे में भी जानकारी दी. इस पर कोर्ट ने IB के अधिकारी की मौत की बात पर चिंता जताते हुए कहा, 'हमने सुना है कि IB के ऑफिसर पर भी हमला हुआ है, इसे तुरंत देखने की जरूरत है.' अदालत ने कहा कि यह समय सबको यह बताने का है कि सरकार सभी को जेड प्लस सुरक्षा देने के लिए भी तत्पर है. हाईकोर्ट के जज जस्टिस मुरलीधर ने कहा, 'बहुत, बहुत ज़्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. सरकार को विश्वास बहाली के कदम उठाने चाहिए. ये डर कि लोग अपने घर नहीं लौट सकते, खत्म होना चाहिए. सरकारी और प्रशासनिक मशीनरी को हर पीड़ित से सम्पर्क करना चाहिए.
हेल्पलाइन जारी करे सरकार
अदालत ने की थी तल्ख टिप्पणी
इससे पहले, हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में CAA-NRC के विरोधियों और समर्थकों के बीच हुई हिंसा के मामले पर कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल और दिल्ली पुलिस के अफसर के बयान पर तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के विवादित बयान का वीडियो क्लिप भी चलवाया. साथ ही सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता से कहा, 'आप भी वीडियो देखिए और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से पूछिए कि इस मामले में FIR दर्ज होनी चाहिए या नहीं. आपसे ढाई बजे मिलते हैं.'
इस मामले की सुनवाई के दौरान कपिल मिश्रा का वीडियो नहीं देखने को लेकर भी अदालत ने नाराजगी जताई. अदालत ने दिल्ली पुलिस के अफसर से पूछा कि हम यह कैसे माने लें कि आपने ये वीडियो नहीं देखा है. अदालत ने पुलिस अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि सभी टीवी चैनलों पर वीडियो चला है और आपने वीडियो नहीं देखा.
आपको बता दें कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के ऊपर दिल्ली में हुई हिंसा से पहले भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस वीडियो क्लिप के आधार पर दिल्ली पुलिस को कार्रवाई न करने के लिए फटकार भी लगाई. अदालत ने पुलिस के रवैये को लेकर सवाल उठाए